वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।
महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तथा रोवर्स व रेंजर्स क्लब के संयुक्त तथावधान में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस एवं राज्य कृमि मुक्ति दिवस पर यहां स्थित धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय में महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ० विक्रम बर्त्वाल ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० राजेश कुमार उभान ने अपने मार्मिक संबोधन में कहा कि विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस को मनाने के पीछे, ऐसे लोगों को, जागरूक करना है, जिनके मन में परेशानियों के कारण आत्महत्या के विचार उत्पन्न होते हैं।
प्राचार्य प्रोफेसर उभान ने कहा कि डिप्रेशन,तनाव व पर्सनालिटी डिसऑर्डर आदि अचानक घटने वाली घटनाएं व्यक्ति के जीवन में परेशानियां पैदा कर देती हैं।
प्राचार्य ने कहा कि अक्सर यह विचार उन लोगों के मन में उत्पन्न होते हैं, जिन में संघर्ष के जरिए कुछ कर गुजरने की क्षमता का अभाव होता है।
उन्होंने कहा कि आत्महत्या को रोकने के लिए, व्यक्ति के डिप्रेशन और डिसऑर्डर जैसे लक्षणों को शुरू में पहचानना बहुत जरूरी है, और इसका इलाज तुरंत किया जाना आवश्यकहै।
इसी के साथ महाविद्यालय में राज्य कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मौजूद श्री देव सुमन चिकित्सालय की विशेषज्ञ डॉ दीपाली महर ने कृमि दिवस पर बोलते हुए कहा कि व्यावहारिक स्तर पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए एस यू एम ए एन- के(सुमन -के)फार्मूला बताया।
इस अवसर पर अस्पताल की टीम ने छात्रों को कृमि मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई।
मनोविज्ञान विभाग की डॉ रंजीता जौहरी ने आत्महत्या निवारण के लिए अवसाद वाले व्यक्ति को अपनी बात अपने सबसे प्रियतम व्यक्ति से साझा करने का सुझाव दिया।
इस अवसर पर एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ मनोज फोन्दणी, रोवर्स लीडर डॉ विजय प्रकाश भट्ट ,रेंजर्स लीडर डॉ ज्योति शैली, विशाल त्यागी सहित दोनों समितियों के सदस्यों में कॉलेज प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं विशेष रूप से मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर विजय प्रकाश भट्ट ने किया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग नरेंद्रनगर की सुलोचना बोहरा, दीपक रावत ने डिवर्मिंग टेबलेट वितरित की।
